प्रतिलिप्याधिकार/सर्वाधिकार सुरक्षित ©

इस ब्लॉग पर प्रकाशित अभिव्यक्ति (संदर्भित-संकलित गीत /चित्र /आलेख अथवा निबंध को छोड़ कर) पूर्णत: मौलिक एवं सर्वाधिकार सुरक्षित है।
यदि कहीं प्रकाशित करना चाहें तो yashwant009@gmail.com द्वारा पूर्वानुमति/सहमति अवश्य प्राप्त कर लें।

16 January 2011

मिले सुर मेरा तुम्हारा - नया बनाम पुराना

"मिले सुर मेरा तुम्हारा" इस गीत को बचपन में दूरदर्शन पर अक्सर देखा करता था.अभी इसका नया वर्ज़न भी आया है.जिसके बारे में फेसबुक पर प्रमोद जोशी जी से मालूम चला.निजी रूप से मुझे पुराना वाला ही ज्यादा अच्छा लगता है .आप भी देखिये और अपनी राय दीजिये.

पहले  देखिये पुराना ओरिजनल वीडियो जो दूरदर्शन पर कभी आया करता था-

                                                                   

और अब देखिये ये नया वाला-
    

                                                                       
मेरे अपने विचार से नया वाला वीडियो बदलते भारत की तस्वीर प्रस्तुत ज़रूर करता है पर पुराने वीडियो को सुनने में मिठास ज्यादा मालूम पड़ती है.
आपका क्या कहना है?

14 comments:

  1. मुझे भी वही पुराना वाला गीत अधिक मधुर लगता है.

    ReplyDelete
  2. नए संस्करण में कृत्रिमता अधिक है...

    ReplyDelete
  3. मेरी पसंद भी आपसे और अल्पना जी से अलग नहीं है...

    ReplyDelete
  4. पुराना गीत बेहतर है..

    ReplyDelete
  5. पुराना गीत बेहतर है..

    ReplyDelete
  6. पुराना गीत बेहतर है..

    ReplyDelete
  7. नया वाला तो रीमिक्स ही लग रहा है ..

    ReplyDelete
  8. नया नौ दिन पुराना सौ दिन्।

    ReplyDelete
  9. वैसे तो मुझे पुराना ज्यादा अच्छा लगता है पर नया भी एक अलग स्वाद दे रहा है ... नए वाले में चमक-धमक ज्यादा है पर पुराना ज्यादा कलात्मक है ....

    ReplyDelete
  10. समय के साथ रुचि बदलती है और अब शायद बहुमत नये के पक्ष में हो, पुराना अब भी आकर्षक है.

    ReplyDelete
  11. आप सभी की अनमोल राय के लिए धन्यवाद.

    ReplyDelete
  12. मुझे भी पुराना ही ज्यादा मधुर लगता है !

    ReplyDelete
+Get Now!