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02 March 2013

ऐसे भी लोग हैं

मतलब
निकल जाने के बाद
सिर पर सजाये हुए
ठेंगे का मुकुट
चमकती बड़ी बड़ी आँखों
और चेहरे पर उत्साह के साथ
करते हुए अभिनय
जागते हुए सोने का
जो जीते हैं हर पल
स्वार्थ की दुनिया में
चारों ओर
कुछ ऐसे भी लोग हैं। 

©यशवन्त माथुर©

10 comments:

  1. दुनिया स्वार्थी लोगों से भरी पड़ी है मित्र,सुन्दर प्रस्तुति.

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  2. दुनिया का एक यही शाश्वत सत्य है.
    सुन्दर भाव.


    वही लोग वही हवा वही जमाना है
    कातिलों के शहर से होकर तुम्हे जाना है

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  3. सच है, ऐसे लोगों की कमी नहीं

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  4. यशवंत ...दुनिया ऐसे ही स्वार्थी लोगों से भरी पड़ी है!... यथार्थपरक रचना!

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  5. सच मतलबी लोगों की कोई कमी नहीं जहाँ में ..
    बहुत बढ़िया ..

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  6. स्वार्थी दुनिया ,स्वार्थी लोग
    गुज़ारिश : '' नयन, ह्रदय, प्रीत ''

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  7. सही है...ऐसे लोग भी होते है
    जो मिल जाते है जीवन के एक मोड़ पर
    दुखी करने के लिए....

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  8. आज इन्हीं लोगों का ज़माना है...बहुत सुन्दर और सटीक रचना...

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  9. sahi kha..duniya rang birangi hai ..kuchh aise bhi log hain..

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