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21 May 2013

सवाल

कई दिन से 'सवाल' शब्द मेरे पीछे पड़ा था ,आज कुछ सोचते सोचते यह बेतुकी भी लिख ही दी :)

सवाल इस बात का नहीं
कि सवाल क्या है
सवाल इस बात का है
कि सवाल ,
सवाल ही क्यों है

सवाल सच में
किसी बवाल से कम नहीं
वह बवाल ही क्या
कि जिसमे सवाल ही गुम है

सवाल इस बात का नहीं
सवाल का जवाब क्या है
सवाल इस बात का है
कि हकीकत क्या है,
ख्वाब क्या है 

सवाल घुमड़ रहा है
उमड़ रहा है
कई दिनों से मेरे मन में
सवाल को ही पता नहीं
कि सवाल का जड़ मूल क्या है

उलझा के उलझ गया हूँ
अब अपने ही हाल में
जाने क्यों फंस गया हूँ
इन सवालों के जाल में। 

~यशवन्त माथुर©

14 comments:

  1. सवालों के जाल में फंस कर ही तो हल मिलते हैं...
    :-)

    सस्नेह
    अनु

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  2. सवाल जब खुद जवाब बन जाता है तभी हर सवाल गिर जाता है..उसके पहले तो उलझना ही होगा सवालों के जाल में..

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  3. Well said. Good one . Plz visit my blog.

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  4. सवाल घुमड़ रहा है
    उमड़ रहा है
    कई दिनों से मेरे मन में
    सवाल को ही पता नहीं
    कि सवाल का जड़ मूल क्या है
    मेरे हर सवालो का जबाब आपके पास होता है
    हार्दिक शुभकामनायें

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  5. बहुत सुन्दर प्रस्तुति!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि-
    आपकी इस प्रविष्टी की चर्चा कल बुधवार (08-04-2013) के "http://charchamanch.blogspot.in/2013/04/1224.html"> पर भी होगी! आपके अनमोल विचार दीजिये , मंच पर आपकी प्रतीक्षा है .
    सूचनार्थ...सादर!

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  6. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि की चर्चा कल बुधवार (22-05-2013) के कितनी कटुता लिखे .......हर तरफ बबाल ही बबाल --- बुधवारीय चर्चा -1252 पर भी होगी!
    सादर...!

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  7. जवाब इन सवालों में मूल में है...
    बहुत बढ़िया रचना

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  8. सुंदर प्रस्तुति

    ReplyDelete
  9. सुंदर प्रस्तुति

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  10. मुझे आप को सुचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि
    आप की ये रचना 24-05-2013 यानी आने वाले शुकरवार की नई पुरानी हलचल
    पर लिंक की जा रही है। सूचनार्थ।
    आप भी इस हलचल में शामिल होकर इस की शोभा बढ़ाना।

    मिलते हैं फिर शुकरवार को आप की इस रचना के साथ।

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  11. बहुत मुश्‍कि‍ल है इन सवालों के जाल से नि‍कलना..बढ़ि‍या लि‍खा है

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  12. aapke sawal bade vicharsheel hain :)
    sunder rachna

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  13. जो सवाल का मूल समझ में आ गया तो जवाब तो मिलना निश्चय है
    सुन्दर रचना
    साभार !

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